नागपुर [ महामीडिया ] राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत अक्सर बड़ी से बड़ी बात अपनी संक्षिप्त टिप्पणियों के जरिए कह जाते हैं। उन्होंने इस बार प्रकृति को पहुंचाए जाने वाले नुकसान का हवाला देते हुए एक बड़ी बात कह दी है। भागवत ने मंगलवार को कहा कि सभी इंसान जानते हैं कि यदि हमने प्रकृति को नष्ट किया तो खुद नष्ट हो जाएंगे फिर भी प्रकृति को नुकसान पहुंचाने का काम जारी है। इसी तरह सभी जानते हैं कि आपस में लड़ने झगड़ने से दोनों पक्षों को नुकसान पहुंचेगा फिर भी लड़ाई झगड़े थम नहीं रहे हैं। भागवत के इस बयान को दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक जारी सियासी लड़ाइयों के संदर्भ में देखा जा सकता है। दिल्ली में संसद का शीत सत्र जारी है जहां सियासी तपिश अपने चरम पर है। दूसरी ओर महाराष्ट्र में वर्षों पुराने सहयोगी रहे शिवसेना और भाजपा की राहें अलग हो चुकी हैं। इससे राज्य में चुनाव नतीजों के आने के बाद भी सरकार का गठन नहीं हो सका है। नतीजतन राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा है। भागवत यहीं नहीं रुके उन्होंने यह भी कहा कि सब जानते हैं कि स्वार्थ बहुत खराब बात है लेकिन अपने स्वार्थ को बहुत कम लोग छोड़ते हैं। देश का उदाहरण लीजिए या व्यक्तियों का ।दूसरी ओर नागपुर में आरएसएस मुख्यालय पर सोमवार शाम को अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन के मसले पर एक बैठक हुई जिसमें संघ और उसके अनुषांगिक संगठन विश्व हिंदू परिषद के शीर्ष नेताओं ने शिरकत की । माना जा रहा है कि इस बैठक में ट्रस्ट में किन लोगों को शामिल किया जाए इस मसले पर विचार विमर्श हुआ। संघ से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत और भैया जी जोशी ने भी भाग लिया ।