साउथ अमेरिकन कंट्री उरुग्वे की जब भी बात होती है तो यहां के एक्स प्रेसिडेंट जोस मुजिका का नाम सबसे पहले याद आता है। दरअसल, मुजिका दुनिया के ऐसे लीडर हैं, जिन्हें सबसे गरीब माना जाता है। मार्च, 2015 में उन्होंने प्रेसिडेंट के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने यह कहते हुए पद छोड़ा था कि उन्हें अपने तीन पैर वाले दोस्त मैनुअल और चार पैर की बीटल के साथ बिताने के लिए समय की जरूरत है। मैनुअल उनका पालतू कुत्ता और बीटल गाड़ी है। मुजिका ने अपने पांच साल के कार्यकाल में देश को तो अमीर बना दिया, लेकिन खुद ?कंगाल? बने रहे। उरुग्वे के पूर्व राष्ट्रपति मुजिका को दुनिया का सबसे गरीब राष्ट्रपति माना जाता है। उन्होंने हमेशा फकीरों जैसा जीवन जिया। जोस राष्ट्रपति भवन के बजाय अपने दो कमरे के मकान में रहते थे और सुरक्षा के नाम पर बस दो पुलिसकर्मियों की सेवाएं लेते थे। वे आम लोगों की तरह खुद कुएं से पानी भरते हैं और अपने कपड़े भी धोते हैं। मुजिका पत्नी के साथ मिलकर फूलों की खेती करते हैं, ताकि कुछ एक्स्ट्रा आमदनी हो सके। खेती के लिए ट्रैक्टर भी वे खुद ही चलाते हैं। ट्रैक्टर खराब हो जाए, तो खुद ही मेकैनिक की तरह ठीक भी करते हैं। मुजिका कोई नौकर-चाकर भी नहीं रखते। अपनी पुरानी फॉक्सवैगन बीटल को खुद ड्राइव कर ऑफिस जाते थे। हालांकि, ऑफिस जाते समय वह कोट-पैंट पहनते थे, लेकिन घर पर बेहद सामान्य कपड़ों में रहते थे। क देश के राष्ट्रपति को जो भी सुविधाएं मिलनी चाहिए, मुजिका को भी वो सभी सुविधाएं दी गईं, लेकिन उन्होंने लेने से इनकार कर दिया। वेतन के तौर पर उन्हें हर महीने 13300 डॉलर मिलते थे, जिसमें से 12000 डॉलर वह गरीबों को दान दे देते थे। बाकी बचे 1300 डॉलर में से 775 डॉलर छोटे कारोबारियों को भी देते थे। अगर आपको ऐसा लगता है कि उरुग्वे एक गरीब देश है, इसीलिए यहां का राष्ट्रपति भी गरीब है, तो यह आपका भ्रम है। उरुग्वे में प्रति माह प्रति व्यक्ति की औसत आय 50,000 रुपए है।