भोपाल [महामीडिया] धमेन्द्र सिंह ठाकुर - गुजरात और हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित विधान सभा चुनाव जीत कर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी प्रतिष्ठा में दो चांद और लगा लिए है। दोनों ही जगह भाजना ने चिर प्रतिद्वन्दी कांग्रेस पार्टी को हराया। गुजरात में तो भाजपा की पूर्व में दरकार की जबकि हिमाचल प्रदेश में वह कांग्रेस के राज्य छीन कर स्वयं बहुमत के आधार पर सरकार बनाने जा रही है।
पहलेहम बात कर लेते हैं गुजरात चुनाव की। पिछले 22 वर्षों से सत्तापक्ष पर सिरमौर रही भाजपा के लिए यह चुनाव सबसे ज्यादा कठिन रहा। क्योंकि सरकार बनाने के लिए बहुमत तो मिला लेकिन सीटों और प्रत्ताशियों के बीच जीत का अंतर बहुत कम रहा। मत गणना के दौरान आरंभिक 2 घंटे का समय तो बहोत ही दिल धड़काने वाला था कभी भाजपा आगे तो कभी कांग्रेस। लेकिन जैसे-जैसे समय बीता भाजपा बहुमत की लाईन क्रास कर गई।
इस चुनाव में एक दिलचस्पी वाली बात यह भी रही कि गुजरात भाजपा संगठन उसके मुख्यमंत्री और ऐसे ही कांग्रेस संगठन चुनाव-प्रचार में दमदार नहीं रहे। देखा जाये तो कुल मुकाबला नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी का राहुल गांधी और हार्दिक पटेल की जोड़ी से था। जिसमें हारने के बाद भी कांग्रेस ने जमकर मुकाबला किया। राहुल गांधी ने अपनी छबि बदलते हुए। गुजरात में अच्छा वातावरण निर्मित कर लिया था। लेकिन उसके कुछ नेताओं ने जो विवादस्पद बयान दिये उससे बोटिंग के अंतिम समय में कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ा। बहरहाल जीत का सेहरा भाजपा के सिर बंधा।
दूसरी तरफ गुजरात के आगे हिमाचल प्रदेश के विधान सभा चुनाव पर देश वासियों को ध्यान घुमाया जबकी यहां पर कई वर्षों से डटी कांग्रेस को इस बार भाजपा ने बड़ी आसानी से हराकर नया इतिहास रच दिया। यह भी एक दिलचस्प बात रही कि भले ही भाजपा जीत गई लेकिन उसके सीएम उम्मीदवार प्रेमकुमार धूमल चुनाव हार गये।
अब यह दोनों राज्यों में हार को कांग्रेस के नए अध्यक्ष राहुल गांधी किस प्रकार लेते हैं और आने वाले चुनाव में किस प्रकार की तैयारियां करते हैं कुछ समय बाद ही पता चलेगा।